चुनाव आयोग 57 सीटों के उपचुनाव के कार्यक्रम के बारे में ‘उपयुक्त समय’ पर घोषणा करेगा। देश में विधानसभा की 56 सीटों और लोकसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव होना है । एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सभी 57 सीटों के लिए उपचुनाव एक साथ कराया जा सकता है।
बाढ़ और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए विधानसभा की सात सीटें और लोकसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव को टालने के बाद चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा की । इन आठ सीटों पर उपचुनाव कराने के लिए छह महीने की समय सीमा सात दिसंबर को खत्म हो रही है।
बाकी 49 सीटों के लिए उपचुनाव सितंबर के बाद होने हैं । चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि आज (शुक्रवार) समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों में उपचुनाव कराने का फैसला किया । प्रवक्ता ने कहा, ‘‘(चुनाव) कार्यक्रम आदि की घोषणा उपयुक्त समय पर की जाएगी। ’’
हालांकि, यह नहीं बताया गया कि सभी 57 सीटों, या बाढ़ और महामारी के कारण टाले गए आठ सीटों पर उपचुनाव के संबंध में यह फैसला किया गया। लेकिन, एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि सभी 57 सीटों पर उपचुनाव के संबंध में निर्णय हुआ।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी उपचुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए विधानसभा सीटों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अदालतों में चुनाव संबंधी लंबित कुछ याचिकाओं का निपटारा होने की संभावना है । विधानसभा की 56 रिक्त सीटों में 27 सीटें मध्यप्रदेश में हैं। बिहार में वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट, इसका प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य के निधन के बाद से रिक्त है।
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