कहीं आपका बच्चा स्लीप बुक्रिज्म का शिकार तो नहीं। अगर है, तो हो जाएं सावधान। अक्सर बच्चे सोते समय दांत पसीते हैं। ऐसे में सभी माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए। अधिकतर माता-पिता सोचते हैं कि ये सब खान-पान की कमी के कारण हो रहा है लेकिन इस बात को वे अनदेखा कर देते हैं। बता दें कि ऐसे बच्चे स्लीप बुक्रिज्म नामक बीमारी से पीड़ित होते हैं। ज्यातर बच्चों की नींद में दांतों को पीसने की आदत होती है। जिसको हम पेट खराब होने का संकेत समझते हैं।
मगर ऐसा नहीं है, आपको बता दे कि हाल ही में ब्रिट्रेन में दांतों पर काम करने वाली ऑर्गनाइजेशन ने शोध किया है, जिसमें पाया है कि जब बच्चे के दिमाग में तनाव होता है तो उस कारण वो सोते समय अपने दांतों को पीसने लगता है।
आम लगने वाली यह समस्या बच्चे के दांतों पर बुरा प्रभाव डालती है। इससे दांत कमजोर हो जाने का खतरा रहता है क्योंकि दातों में मौजूद इनेमल की परत नष्ट हो जाती है। ऐसे में सेंसिटिविटी जैसी समस्याएं होने लगती हैं और दांत जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इस तरह की समस्या बच्चे में हो तो माता पिता को सावधान हो जाना चाहिेए। एक रिपोर्ट में पाया है कि स्कूल में डांटा व गुस्सा या फिर प्रताड़ित किए जाने वाले बच्चे स्लीप बुक्रिज्म से पीड़ित हो जाते हैं। रिसर्च में पाया गया है कि 70 प्रतिशत बच्चे इस बीमारी का शिकार होते हैं।
गौरतलब है कि अगर रात में बच्चा अपने दांतों को पीसने लगता है तो मुमकिन है कि वह बुक्रिज्म से पीड़ित है। जिसके कारण बच्चे को दांतों में दर्द, सेंसिटिविटी की समस्या, बचपन में ही दांतों का शेप बिगड़ने लगता है, दांत कमजोर हो जाते हैं, साथ ही नसों में तनाव के कारण मुंह, जबड़ों और सिर में दर्द रहता है।
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