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घर में हो जवान देवर, तो इन बातों का रखे खास ख्याल



कहते हैं कि भाभी का सबसे अच्छा दोस्त उसका देवर होता है। हालांकि, यह परिभाषा हर फैमिली पर फिट हो यह जरूरी नहीं है। भाभी को ननद से ज्यादा देवर के साथ ट्यूनिंग बैठाने में मुश्किल आती है, क्योंकि उसे कई ऐसी चीजों का ध्यान रखना होता है, जिसमें जरा की लापरवाही हमेशा के लिए रिश्ते बिगाड़ सकती है। हम बता रहें हैं ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में जिन्हें जान लिया जाए तो ही बेहतर है।

एक सीमा तय करना
भाभी और देवर के रिश्ते की सबसे अहम बात है सीमा तय करना। जिस तरह सास के साथ बात या बर्ताव करने में एक सीमा को कभी पार नहीं किया जाता, उसी तरह देवर के साथ कैसे पेश आना है इसके लिए भी एक उचित सीमा बनाई जाए, तो बेहतर होता है। इससे आपसी सम्मान व मर्यादा बरकरार रहती है और कोई भी ऐसी अनुचित घटना नहीं घटती, जो तनाव या शर्मिंदगी की कारण बन सके।

ज्यादा दखल न देना
भाभी और देवर की भले ही अच्छी जमती हो, लेकिन इसका मतबल यह नहीं कि दोनों को एक-दूसरे की जिंदगी में दखल का राइट मिल गया हो। देवर की अपनी पर्सनल लाइफ है और उससे जुड़ी चीजें तय करने का भी उसका ही पूरा हक है। जब तक वह किसी बारे में राय न पूछें, तब तक उसके निजी जीवन में दखल न दें। इसी तरह अपनी मैरिड लाइफ से जुड़े मैटर में भी देवर को दखल न देने दें, क्योंकि इससे स्थिति सिर्फ बिगड़ेगी ही।

पति और देवर के बीच में न आना
पति और देवर की बातों के बीच आने की कोशिश न करें। मान लीजिए अगर आपके पति ने छोटे भाई को किसी चीज पर डांटा है और दोनों के बीच बहस हो गई है, तो बीच में पड़ने की कोशिश न करें और उनको आपस में ही मुद्दे सुलझाने दें। यह न भूलें कि वे भाई हैं, जो हमेशा से साथ ही रहते आए हैं। ऐसे में उनके बीच नोंकझोंक होना आम बात है। अगर इसमें आप बीच में आकर किसी एक का पक्ष लेने की या समझाने की कोशिश करेंगी, तो दूसरे को यह अच्छा नहीं लगेगा, जिससे जो झगड़ा एक दिन में खत्म होना हो, वो लंबा खिंच जाएगा।

सीक्रेट जैसा कुछ नहीं
माना कि दोस्ती में सीक्रेट चलते हैं, लेकिन भाभी-देवर के बीच के रिश्ते में ऐसा करना भारी पड़ सकता है। आप दोनों का भले ही दोस्त जैसा रिश्ता हो, लेकिन अगर किसी चीज को लेकर वह आपसे सीक्रेट रखने को कहे या पति से छिपाने के लिए कहे, तो बेहतर यही है कि आप उनकी बात न मानें। देवर से जुड़ी किसी भी चीज को कम से कम पति से तो सीक्रेट न ही रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि भविष्य में अगर उस बात से जुड़ा कोई भी विवाद हो जाए, तो उस स्थिति में आपके पति को पता होगा कि सिचुएशन को कैसे हैंडल करना है।

पैसों से संबंधित
देवर यंग है और उसे पैसों की जरूरत है? सास और पति ने उसे पैसे देने से मना कर दिया है? या फिर वह उनसे पैसे नहीं मांगना चाहता, इसलिए आपसे मांग रहा है? अगर ऐसी कोई भी स्थिति है, तो इसे डील करने के दौरान बेहद प्रैक्टिकल अप्रोच लें। एक बार पैसे दिए जाने पर वह भविष्य में भी आपके पास आता रहेगा। हर बार पति को न बताकर उसे मनी देना आगे चलकर आप पर ही भारी पड़ेगा। पैसा ऐसी चीज है जो सबसे जल्दी रिश्ते बिगाड़ता है, इसलिए बेहतर रहेगा कि इससे जुड़े फैसले बेहद सोच-समझकर लें।

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