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दो उंगलियों से इशारा करती थी महिला, 106 दिन के बाद आज पता चला चौका देने वाला सच




हिसार- जिले के बरवाला क्षेत्र के गांव खेदड़ में 24 मई को 3 और 1 साल की दो बच्चियों की गला रेंतकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो उनकी मां भी रक्तरंजित पड़ी थी। उसका गला भी उसी चाकू से रेंता गया था। हालांकि पति ने डबल मर्डर और सुसाइड की कोशिश के लिए महिला को ही दोषी माना था। लेकिन महिला उस वक्त कुछ बोलने की स्थिति में नहीं थी। गले पर चाकू से गहरा वार हुआ था, लिहाजा वो बोल नहीं पा रही थी। तब उसने अपनी दो उंगुलियां उठाकर 2 लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था। उसका इशारा अपने देवर और पति की ओर था। लेकिन पुलिस महिला के बयान का इंतजार कर रही थी। जैसे ही उसका आवाज लौटी, आत्मग्लानि में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बरवाला पुलिस ने घटना के 106 दिन बाद अपनी दो मासूम बेटियों की हत्या के बाद सुसाइड की कोशिश करने वाली मां चराया को गिरफ्तार कर लिया है। पहले वो लगातार पुलिस को गुमराह करती रही। चूंकि गला कटा होने से वो बोलने की स्थिति में नहीं थी, लिहाजा उसके बयान का इंतजार कर रही थी। आखिरकार उसने मान लिया कि घरेलू प्रताड़ना से तंग आकर उसने हत्याकांड को अंजाम दिया।

महिला का अपने पति अहमद और ससुरालवालों से विवाद चल रहा था। घटना वाले दिन पति और देवर ने उसे पीटा था। वे उसे खाने तक को नहीं देते थे। पहले वो अकेले ही मरना चाहती थी।

लेकिन आरोपी को लगा कि उसके मरने के बाद बच्चों को कौन संभालेगा, इसलिए उसने बच्चियों को मार डाला।
आरोपी के पति की पिछले महीने एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हालांकि उसे इसका अब पता चला। बरवाला एसएचओ कुलदीप ने बताया कि 24 मई को आरोपी का पति अहमद और देवर ठाकर जब काम पर चले गए, तब उसने हत्याकांड को अंजाम दिया।

पुलिस को उसने इसके लिए उंगुलियों के इशारे से पति और देवर को जिम्मेदार ठहराया था। महिला ने बच्चियां की हत्या के बाद शव को तिरपाल के नीचे छुपा दिया था। हालांकि जब लोग डबल मर्डर के लिए अहमद को दोषी मानकर उसे पीट रहे थे, तब चराया ने उसे बचाने के लिए इशारे से खुद को इसके लिए जिम्मेदार माना था। पुलिस ने अहमद की शिकायत पर ही चराया के खिलाफ केस दर्ज किया था।

लेकिन पुलिस उसके बयान का इंतजार कर रही थी। आरोपी महिला को बचाने डॉक्टरों को कठिन ऑपरेशन करना पड़ा। उसके गले के साथ श्वांस नली और गर्दन की नसें भी कट गई थीं। करीब 2 घंटे चली सर्जरी के बाद महिला को बचा लिया गया।

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