
ज्योतिष विषय वेदों जितना ही प्राचीन है। प्राचीन काल में ग्रह, नक्षत्र और अन्य खगोलीय पिण्डों का अध्ययन करने के विषय को ही ज्योतिष कहा गया था। इसके गणित भाग के बारे में तो बहुत स्पष्टता से कहा जा सकता है कि इसके बारे में वेदों में स्पष्ट गणनाएं दी हुई हैं। फलित भाग के बारे में बहुत बाद में जानकारी मिलती है।
विज्ञान के इस युग में भी ज्योतिषकी अपनी अलग पहचान कायम है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र को विश्व के कुछ बेहद प्राचीन और विस्तृत ज्योतिष शास्त्रों में से एक माना जाता है। ज्योतिष विद्या ग्रह तथा नक्षत्रों से संबंध रखने वाली मानी जाती है।
भारतीय ज्योतिषशास्त्र का वर्णन प्राचीन वेदों और पुराणों में भी मिलता है।नारदपुराण में ज्योतिष की कई शाखाओं का वर्णन है। नारदपुराण के अलावा पद्मपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण आदि में भी ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं का वर्णन है
आपको बता दे कि यदि घर में मंदिर गलत दिशा में होता है तो इससे घर और घरवालों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हर एक मंदिर में भगवान की कोई ना कोई तस्वीर या मूर्ति जरुरी होती है।आम तौर पर आप हिन्दू धर्म में देखते होंगे की देवी देवता को लेकर काफी सावधानिया बरतनी पड़ती है।
जैसे की पूजा पाठ के दौरान कई सारे नियम के हिसाब से हमें पूजा करना होता है , दूसरी तरफ घर में रखी मूर्ति को भी लेकर काफी अहमियत दिया जाता है ताकि घर में लक्ष्मी का आगमन हमेशा बना रहे , आइये आज इस वीडियो में देखते है की भूल से भी ना रखे घर में भगवान की ये 6 मूर्तियाँ, वरना घर में रहेगी कंगाली।
-सबसे पहली बात मंदिर में कभी मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर खड़ी अवस्था में नही होनी चाहिए अगर संभव हो तो भगवान गणेश, मां लक्षमी और सरस्वती की बैठी हुई अवस्था वाली मूर्ती मंदिर में रखनी चाहिए इससे माता लक्ष्मी का आशिर्वाद की प्राति होती है।
-घर में कभी भी भगवान शिव के नटराज रुप की मूर्ति नही रखनी चाहिए .कहा जाता है कि इस रुप में शिव भगवान ताडंव करते है इसीलिए घर में रखना उचित नही है।क्योंकि भगवान जब भगवान शिव को गुस्सा आया था तब महादेव ने ताडंव ड़ांस किया था. इसीलिए यह गुस्से का प्रतीक माना गया है।
-ज्योतिष अनुसार कहा जाता है कभी भी घर में खंडित मूर्ती की पूजा नही करनी चाहिए अगर किसी तरह मंदिर में रखी भगवान की मूर्ति खंडित हो गयी हो तो उसे तुरंत हटा थे।
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