
सार
खंदौली में चल रही थी फैक्टरी, संचालक पकड़ा, 100 किलोग्राम नकली घी भी बरामद
फैक्टरी के पास के बाडे़ में चल रहा था अवैध कट्टी खाना, पुलिस के पहुंचने पर मची भगदड़
विस्तार
आगरा के खंदौली क्षेत्र में पुलिस ने मंगलवार दोपहर को नकली घी बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया। यहां नकली घी बनाने के लिए पशुओं की चर्बी, हड्डी, सींग और खुर का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया है। मौके से 100 किलोग्राम नकली घी बरामद किया गया है। फैक्टरी को सील कर दिया गया है।
थाना प्रभारी अरविंद कुमार निर्वाल ने बताया कि मोहल्ला व्यापारियान में भैंस के सींग और जानवरों की चर्बी को आग में पिघलाकर घी बनाया जा रहा था। मौके पर पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पकडे़ गए घी का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। यहां कई तरह के केमिकल भी मिले हैं। इनका इस्तेमाल चर्बी और सींग आदि की गंध को दूर करने के लिए किया जाता था।
सींग, खुर, चर्बी को पिघलाकर घी में मिलाते थे
खाद्य सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण सिंह ने छह लोगों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, एफएसए एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। चार कनस्तरों में बनाकर रखा गया नकली घी, एक कनस्तर वनस्पति घी, चर्बी भरे 10 ड्रम, चूल्हे पर अर्धनिर्मित घी बरामद किया है। ये लोग सींग, खुर, चर्बी को पिघलाकर घी में मिलाते थे।
पास में चल रहा था अवैध कट्टीखाना इसी फैक्टरी के पास के बाडे़ में अवैध कट्टी खाना भी चलाया जा रहा है। पुलिस के पहुंचने पर फैक्टरी और कट्टी खाने में भगदड़ मच गई। कट्टी खाने से लोग भाग निकले। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि यह कई वर्षों से चल रहा है।
कई साल से चला रहे थे फैक्टरी
फैक्टरी संचालक चांद बाबू पुत्र अज्जो, शैफी पुत्र गुड्डू, इरशाद पुत्र इकबाल और ताहिर पुत्र साबिर निवासी मोहल्ला व्यापारियान को गिरफ्तार किया गया। इन्होंने बताया कि ये लंबे समय से यही काम कर रहे हैं। पुलिस ने इनसे पूछताछ कर रही है। इन्हें बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कट्टीखाना संचालक हाथ नहीं आया
कट्टीखाना चला रहे शल्लो पुत्र स्वालीन और शोहिल पुत्र स्वालीन फरार हो गए। एसओ ने बताया कि उनकी तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। कट्टीखाने में कई लोग काम कर रहे थे।
छलेसर कट्टी खाने से भी लाते थे चर्बी पुलिस के मुताबिक नकली घी बनाने की फैक्टरी चला रहे चांद बाबू ने पूछताछ में बताया कि वह छलेसर के कट्टी खाने से जानवरों के सींग और चर्बी टेंपो से रात में मंगाता था। सींग, खुर और चर्बी को भट्ठी पर पिघलाकर घी तैयार करते थे। यहां से फिरोजाबाद और सिकंदराराऊ के व्यापारी उनसे माल ले जाते थे।
23 रुपये किलो में होता है तैयार, 200 में बिकता है
आरोपी चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि छलेसर कट्टी खाने से चर्बी 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदता है। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है। जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।
फिरोजाबाद का घी और शाहगंज का व्यापारी ले जाता है हड्डी
आरोपी चांद ने बताया कि वह घी के साथ जानवरों की हड्डी का भी कारोबार करता है। चर्बी से बना घी फिरोजाबाद और सिकंदराराऊ के व्यापारी ले जाते हैं, तो हड्डी को आगरा शाहगंज का एक व्यापारी उससे खरीद कर ले जाता है। चांद हड्डी बगल में चल रहे कट्टी खाने और कई दूसरी जगहों से खरीदकर बेचता था। आपको निचे दी गयी ये खबरें भी बहुत ही पसंद आएँगी।
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