
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से अपने 10 हजार सैनिकों को हटा लिया है। कहा जा रहा है कि चीन ने यह फैसला पूर्वी लद्दाख में पड़ रही भीषण ठंड की वजह से किया है। जानकारी के अनुसार भारतीय सीमा के पास 200 किलोमीटर के दायरे से चीन ने अपने सैनिक हटाए हैं।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा के पास उस इलाके में जहां चीनी सैनिक पारंपरिक रूप से प्रशिक्षण किया करते थे, अब वो जगह खाली दिख रही है। पिछले साल मार्च-अप्रैल के दौरान जब दोनों पक्षों के बीच तनाव जन्मा था, जब चीन ने सीमा पर 50 हजार सैनिक तैनात किए थे। तब से ये सैनिक वहीं तैनात थे।
भारत ने वापस भेजा पीएलए का सैनिक
पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर शुक्रवार की सुबह चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के एक सैनिक को पकड़ा गया था जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार कर भारत की तरफ आ गया था। जानकारी के अनुसार पीएलए के सैनिक को सोमवार सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर पूर्वी लद्दाख के चुशुल-मोल्डो सीमा बिंदु पर चीन को वापस सौंपा गया।
इससे पहले 18 अक्तूबर को चीन-भारत सीमा पर एक चरवाहे की उसकी याक खोजने में मदद करने के दौरान एक सैनिक कथित तौर पर लापता हो गया था। भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीनों से भी ज्यादा समय से गतिरोध बना हुआ है। यह गतिरोध पिछले साल मई में शुरू हुआ था जब पैंगोंग झील इलाके में दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी।
शिंघुआ विश्वविद्यालय में चीन के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट के शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग ने इसे लेकर कहा कि लापता चीनी सैनिक की वापसी दोनों देशों के बीच सीमा नियमन तंत्र पर बनी सहमति के अनुरूप हुई है। चीनी सैनिक की वापसी पर उन्होंने कहा, चार दिनों के अंदर सैनिक को वापस कर भारत ने सीमा पर तनाव कम करने की सद्भावना दिखाई है।
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