
सरकारी महकमों में लोगों के काम किस गति से होते हैं इसका उदाहरण गुरुवार को जोधपुर जिले के शेरगढ़ तहसील के विकास अधिकारी कार्यालय में मिला। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण की अनुदान राशि के लिए 4 साल से चक्कर काट रहे एक व्यक्ति ने व्यथित होकर कार्यालय में ही पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। बाद में विकास अधिकारी व अन्य कर्मचारियों ने उसे पकड़ कर आत्मदाह करने से बचा लिया।
चाबा गांव निवासी 23 साल का गुलाब सिंह पुत्र मूल सिंह गुरुवार को विकास अधिकारी कार्यालय पहुंचा। वहां उसने ऑफिस के बाहर खुद पर पेट्रोल डाल लिया। साथ ही काफी पेट्रोल पीने के बाद अपने शरीर पर आग लगाने की कोशिश की।
इस दौरान अन्य कर्मचारियों के चिल्लाने पर विकास अधिकारी डॉ. दीपक कुमार शर्मा भी अपने कक्ष से बाहर आए और अन्य लोगों के साथ मिलकर काफी मशक्कत के बाद गुलाब सिंह को आत्मदाह करने से रोक लिया। बाद में उसे शेरगढ़ अस्पताल लाया गया। पेट्रोल पीने से उसकी तबीयत बिगड़ गई। शेरगढ़ में प्राथमिक उपचार करके उसे जोधपुर रेफर किया गया है।
पीड़ित गुलाब सिंह का कहना है कि उसने 4 साल पहले स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय के लिए आवेदन किया था। लेकिन उसे सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा अनुदान राशि के पैसे नहीं दिए जा रहे हैं तथा वह हर सप्ताह पंचायत समिति शेरगढ़ के भी चक्कर काट रहा है। लेकिन उसे निराश ही लौटना पड़ रहा है। बार-बार वह शौचालय का आवेदन लेकर आता है लेकिन आवेदन फाड़ दिया जाता है। आखिर हारकर उसने आत्मदाह करने की ठान ली थी।
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