
बिहार के पूर्णिया में एक कुत्ते की मौत के बाद मिली वफादारी का मूल्य, जब उसका इंसान की तरह पूरी कानूनी प्रथा के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने अश्रुपूर्ण आँखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।अपने पालतू जानवरों के लिए प्यार और मानवता का अनूठा उदाहरण इस क्षेत्र के चारों ओर हैं। इस काम के लिए लोग हिमकर मिश्रा की तारीफ कर रहे हैं।
पूर्णिया जिले के कुंवारा पंचायत के रामनगर में समर शेल नेशनल पार्क के संस्थापक हिमकर मिश्रा ने खेत की सुरक्षा के लिए कई नस्ल के कुत्तों को रखा है। हिमकर मिश्रा का सबसे प्रिय कुत्ता ब्राउनी था, जिसकी रविवार को मृत्यु हो गई। मिश्रा ने आईएएनएस को बताया कि ब्राउनी भारतीय भेड़ की नस्ल का कुत्ता था और हमारे परिवार के सदस्य की तरह था।
उन्होंने कहा, जब मैं मध्य प्रदेश में था, जब मैंने 2006 में पुणे से एक पशु संगठन में ब्राउनी लाई थी, यह आज तक मेरे परिवार के सदस्य की तरह है। उन्होंने कहा कि बाद में ब्राउनी को पूर्णिया के फॉर्म हाउस की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था के कारण रविवार को ब्राउनी की मृत्यु हो गई और उसका अंतिम संस्कार सोमवार को किया गया।
ब्राउनी की मृत्यु के बाद, हिमकर मिश्रा परिवार और हर किसी ने अपने पसंदीदा कुत्ते का अंतिम संस्कार अनुष्ठान द्वारा किया और उसकी अंतिम यात्रा करने का फैसला किया। हिमकर मिश्रा ने कहा कि ब्राउनी को दफनाए जाने वाले स्थान पर एक ब्राउनी स्मारक बनाया जाएगा।
हिमकर ने कहा कि ब्राउनी सिर्फ एक कुत्ता नहीं था, बल्कि उनके खेत का रक्षक भी था। वह हम सभी के जीवन का एक हिस्सा था, जिसने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ रूप की रक्षा की। उन्होंने बताया कि ब्राउनी स्मारक स्थल को रंगीन फूलों से सजाया जाएगा और इसका नाम ब्राउनी पार्क रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्मारक यहां आने वालों को दिखाया जाएगा।
इधर, फॉर्म के मैनेजर सुबोध कुमार का कहना है कि ब्राउनी का जाना बहुत दर्दनाक है। उन्होंने जीवन भर निष्ठा के साथ काम किया और खेत की रक्षा की। वह ब्राउनी फार्म्स के सदस्य बन गए हैं। बच्चों को भी ब्रूनी से प्यार है। मिश्रा के इस पशु प्रेम की हर जगह चर्चा हो रही है और पशु प्रेमियों का कहना है कि लोगों को आज मिश्रा से सीखने की जरूरत है।
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