
नई दिल्ली। देश के प्रख्यात न्यूज चैनल जीन्यूज ने किसान नेता राकेश टिकैत की संपत्ति का खुलासा किया है। चैनल के अनुसार राकेश टिकैत की संपत्ति देश के 4 राज्यों और 13 शहरों तक फैला हुआ है। चैनल ने विस्तार से इसका खुलासा किया है।
चैनल के अनुसार राकेश टिकैत की 4 राज्यों में संपत्ति है और वो राज्य हैं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र. एक आंकड़े और अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की देश के 13 शहरों में संपत्ति है, जिनमें मुजफ्फरनगर, ललितपुर, झांसी, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, बदायूं, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, देहरादून, रूड़की, हरिद्वार और मुंबई शामिल हैं. एक अनुमान के मुताबिक राकेश टिकैत की संपत्ति करीब 80 करोड़ रुपये की है.
चैनल के अनुसार राकेश टिकैत करीब 2 महीने से दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन को लीड कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान भी उनका कारोबार फल-फूल रहा है. उनकी करोड़ों की संपत्ति और बढ़ती जा रही है. बता दें कि हमारा ये कहना नहीं है कि राकेश टिकैत की संपत्ति अवैध है. वो उनकी मेहनत से बनाई गई संपत्ति हो सकती है, लेकिन क्या किसान आंदोलन का सच यही है कि जो अमीर हैं वो प्रदर्शन कर रहे हैं और जो गरीब किसान हैं वो खेतों में अपना और देश का पेट पालने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं?
चैनल के अनुसार राकेश टिकैत दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे और किसान नेता कहे जाते हैं, लेकिन खेत तो सिर्फ टिकैत के साम्राज्य का एक भाग है. दूसरे भाग में बहुत सारे कारोबार हैं. ये वो कारोबार हैं, जिसके लिए किसान नहीं, बल्कि नेता बनना पड़ता है. 51 साल के राकेश टिकैत की शादी साल 1985 में सुनीता देवी से हुई थी और उनके तीन बच्चे हैं. एक बेटा जिसका नाम चरण सिंह है और दो बेटियां सीमा टिकैत और ज्योति टिकैत है.
चैनल के अनुसार राकेश टिकैत की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है. राकेश टिकैत की छोटी बेटी ज्योति टिकैत ऑस्ट्रेलिया में रहती है. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में 8 फरवरी को कृषि बिल के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में रैली आयोजित की गई थी, जिसमे खुद टिकैत की बेटी मौजूद थी और ऑस्ट्रेलिया के लोगों से किसान आंदोलन के समर्थन करने के लिए बोल रही थी.
चैनल के अनुसार जहां एक तरफ राकेश टिकैत खुद को किसान के हक के लिए लड़ने वाला बता रहे हैं तो दूसरी ओर उसकी आड़ में राकेश टिकैत ने गैरकानूनी रूप से हिरण पाल रखा है. बता दें कि भारत मे हिरन सहित किसी भी जंगली जानवर को पकड़कर बंद करना दंडनीय अपराध है. इसके दोषी को सात साल की सजा या 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
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