
नई दिल्ली। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 40 किसान संगठन आज देशभर में चक्काजाम कर रहे हैं। राजस्थान-हरियाणा के बीच शाहजहांपुर बॉर्डर पर जाम लगा दिया है। पंजाब में अमृतसर और मोहाली में किसान गाड़ियों को रोकने के लिए सड़कों पर बैठ गए हैं। उधर, जम्मू-पठानकोट हाईवे पर भी किसानों ने गाड़ियों की आवाजाही रोक दी है।
12 बजे से शुरू हुआ यह जाम 3 बजे तक लगाया जाएगा। इससे पहले ही दिल्ली में एहतियातन 10 मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। इनमें मंडी हाउस, ITO, दिल्ली गेट, विश्वविद्यालय, खान मार्केट, नेहरू प्लेस, लाल किला, जामा मस्जिद, जनपथ और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। यहां कुल 285 मेट्रो स्टेशन हैं।
किसान संगठनों का दावा है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। जरूरी सेवाओं जैसे एंबुलेंस, स्कूल बस को नहीं रोका जाएगा। दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को इस जाम से अलग रखा गया है। इस पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में तो हर दिन जाम जैसे हालात रहते हैं, ऐसे में यहां जाम की क्या जरूरत है। हालांकि, उन्होंने यूपी और उत्तराखंड को इससे अलग रखने की वजह नहीं बताई। यह जरूर कहा कि इन दोनों राज्यों से किसानों को स्टैंडबाई पर रखा गया है और उन्हें किसी भी वक्त बुलाया जा सकता है।
जॉइंट सीपी, दिल्ली पुलिस ने बताया कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस मुस्तैद है। अतिसंवेदनशील इलाकों में CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा- अन्नदाता का शांतिपूर्ण सत्याग्रह देशहित में है- ये तीन कानून सिर्फ किसान-मजदूर के लिए ही नहीं, जनता और देश के लिए भी घातक हैं। पूर्ण समर्थन!
अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि केंद्र सरकार को गलतफहमी है कि कृषि कानूनों का विरोध केवल पंजाब में हो रहा है। देश के सभी किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर इसके बावजूद वह (केंद्र सरकार) आंखें बंद करके इसे केवल पंजाब का विरोध बता रहे हैं तो इसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता।
महाराष्ट्र के ठाणे शहर में किसानों के समर्थन में भारतीय जयहिंद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भिवंडी-नासिक हाईवे पर जाम लगाया।
गलती से सबक लेकर सुरक्षा बढ़ाई गई
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा की वजह से प्रशासन ज्यादा अलर्ट है। दिल्ली-NCR में पुलिस, पैरामिलिट्री और रिजर्व फोर्स के 50 हजार जवानों को तैनात किया गया है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे की जाली लगा लें, ताकि पथराव की स्थिति में बचा जा सके।
चक्काजाम के दौरान किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए रोड नंबर 56, NH-24, विकास मार्ग, जीटी रोड, जायराबाद रोड पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इन इलाकों में बैरिकेडिंग भी की गई है। दिल्ली में टीकरी बॉर्डर पर पुलिस आंदोलनकारियों पर ड्रोन से नजर रखे हुए है।
चक्काजाम का ऐलान क्यों किया गया?
एक फरवरी को पेश किए बजट में किसानों की मांग की अनदेखी करने और दिल्ली की सीमा पर हो रहे आंदोलन की जगहों पर इंटरनेट बंद किए जाने के खिलाफ यह चक्काजाम किया जा रहा है। किसान संगठनों का कहना है कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के बाद से कई किसानों के ट्रैक्टर जब्त कर लिए गए। दिल्ली बॉर्डर के आसपास की जगहों को पूरी तरह ब्लॉक किया जा रहा है। इन सबके खिलाफ यह जाम किया जा रहा है।
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