
नई दिल्ली। पंजाब में बीजेपी विधायक अरुण नारंग की कपड़ा फाड़ पिटाई को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि पिटाई गलत है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामलें में उनके लोग शामिल नहीं थे। पिटाई करने वाले विधायक के ही विचारधारा के लोग थे। किसानों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
राकेश टिकैत ने कहा कि मारपीट तो नहीं करनी चाहिए, मैंने बात की है इस मामले में हमारे लोग तो नहीं थे। विरोध करने के लिए लोग गए थे लेकिन मारपीट और कपड़ा फाड़ने में नहीं थे। वो तो इन्हीं के लोग थे। किसान को बदनाम करने की साजिश है। जिन्होंने पिटाई की है वो उसी विचारधारा के लोग थे। हमारे लोगों ने विरोध किया काले झंडे दिखाए लेकिन जो हिंसा हुई उसमें मेरे लोग नहीं थे। हमारे लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पंजाब के अबोहर से बीजेपी विधायक अरुण नारंग शनिवार को किसानों के गुस्से का शिकार हो गए थे।तीन कृषि कानूनों से नाराज लोगों ने मलोट इलाके में उनपर हमला कर दिया था। इस दौरान उनके कपड़े भी फट गए थे।
घटना को लेकर विधायक नारंग ने कहा था कि जब मेरे ऊपर हमले हो रहे थे तो पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। पंजाब सरकार ने पुलिस के हाथ बांध रखे हैं। विधायक ने कहा कि जो सरकार विधायक की रक्षा नहीं कर सकती, उसे रहने का अधिकार नहीं। सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। अरुण नारंग ने आरोप लगाया कि वो लोग मुझे मारने के लिए ही आए थे, ये पूर्ण रूप से पुलिस की विफलता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नारंग पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने राज्य में शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कारर्वाई की चेतावनी दी है। उन्होंने किसानों से हिंसा के ऐसे कृत्यों में शामिल नहीं होने की अपील की। वहीं बीजेपी ने घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इस घटना को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गयी है।
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