
राज्य सरकार पटना मेट्रो के निर्माण के लिए 1000 करोड़ की राशि जल्द जारी करेगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन साेमवार काे सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें इसका प्रावधान किया गया है। सदन की स्वीकृति मिलने के बाद राशि जारी हाेगी। इससे जमीन अधिग्रहण, निर्माण एजेंसी को मंथली पेमेंट, नया काम के अवाॅर्ड के साथ एजेंसी को एडवांस देने का काम होगा।
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने जिला प्रशासन को आईएसबीटी के सामने मेट्रो का डिपो बनाने के लिए 76.645 एकड़ जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया है। जिला प्रशासन के मुताबिक 23 दिसंबर तक किसानों से दावा-आपत्ति लिया जाएगा। इसके बाद किसानों काे मुआवजा भुगतान होगा। इस पर 790 करोड़ की राशि खर्च होगी।
सरकार से राशि मिलने के बाद किसानों के बीच जनवरी से मुआवजा वितरण हाेगा। इसके साथ ही पटना मेट्रो को जमीन का हस्तांरण हाेगा। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की कुल लागत 13,366 करोड़ है। 32.487 किमी लंबाई में दो कॉरिडोर का निर्माण करना है। पहला कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर 17.93 किमी और दूसरा कॉरिडोर पटना रेलवे स्टेशन से आईएसबीटी तक 14.55 किमी है। इसको अक्टूबर 2024 में चालू करने का लक्ष्य है।
12 स्टेशनों के लिए अलग से अधिग्रहण
पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन ने जिला प्रशासन को शहर में 12 मेट्रो स्टेशन के लिए अलग से प्रस्ताव दिया है। सभी स्टेशन का हिस्सा सरकारी के साथ निजी जमीन में है। इस जमीन की नापी चल रही है। इसके लिए अलग से राशि खर्च की जाएगी। इसके साथ सरकारी विभागों से जमीन हस्तांतरण कर मेट्रो को दी जाएगी। इसके लिए सरकार के निर्देशानुसार प्रावधान किया जाएगा।
आईएसबीटी से मलाही पकड़ी के बीच चल रहा काम
अभी आईएसबीटी से मलाही पकड़ी के बीच 6.60 किमी एलिवेटेड मेट्रो का निर्माण चल रहा है। यहां कुल 250 पायाें का निर्माण करना है। इनमें एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन के निर्माण व एलिवेटेड लाइन (वाया डक्ट) के लिए पायलिंग शामिल है। दानापुर से रुकनपुरा तक एलिवेटेड मेट्रो का निर्माण होना है। यहां दिसंबर से यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य शुरू होगा। इसके बाद पायलिंग का निर्माण कार्य सहित अन्य कार्य किया जाएगा।
60 मेगावाट के दो ग्रिड बनेंगे
पटना मेट्रो को बिजली सप्लाई देने के लिए 60 मेगावाट क्षमता के दाे ग्रिड उपकेंद्र बनेंगे। इसपर करीब 100 करोड़ की राशि खर्च होगी। इसके लिए एजेंसी का चयन हो गया है। इसमें पहला आईएसबीटी के सामने डिपो में और दूसरा मीठापुर में शामिल है। डिपो की जमीन पर बनने वाले 30 मेगावाट की क्षमता वाले ग्रिड उपकेंद्र को कटरा से बिजली मिलेगी। वहीं, मीठापुर में बनने वाले 30 मेगावाट की क्षमता वाले ग्रिड उपकेंद्र को मीठापुर जीआईएस ग्रिड से बिजली मिलेगी। इन्हे भी जरूर पढ़ें
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