
बिहार में अभी केवल राजधानी पटना में इकलौता तारामंडल है. लेकिन, अब शीघ्र ही बिहार के दो और शहरों में तारामंडल खुल जाएंगे. यानी इन क्षेत्रों के लोगों को भी खगोलीय दुनिया की हरकतों का रोमांच करीब से देखने को मिलेगा. गया और भागलपुर में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है. यानी अब उत्तर व दक्षिण बिहार के विज्ञान के छात्रों को खगोल की दुनिया को नजदीक से जानने और समझने के लिए पटना जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. अब बिहार के मुजफ्फरपुर में भी तारामंडल वह स्पेस रिसर्च सेंटर खोले जाएंगे. इसे 2022 तक तैयार कर लिए जाने का लक्ष्य है.
मिली जानकारी के अनुसार तारामंडल का निर्माण के लिए अभी फिलहाल स्थल का चयन करने के लिए दिल्ली से स्पेस इंडियन समूह से जुड़े विशेषज्ञ और अधिकारियों को आमंत्रण भेजा गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्होंने मुजफ्फरपुर आने का आमंत्रण स्वीकार किया है और जून में आने पर अपनी सहमति जताई है. रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए स्थल चयन होने के बदा पीपीपी मोड पर तारामंडल एवं स्पेस रिसर्च सेंटर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक स्पेस रिसर्च सेंटर के निर्माण पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही बिहार के गया और भागलपुर में तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है. गया और भागलपुर में भी तारामंडल का लोग आनंद ले सकेंगे. यहां तारामंडल का निर्माण कार्य चल रहा है. अब तक विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नए साल के मध्य में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. यहां के लोग भी खगोलीय दुनिया का आनंद ले सकेंगे, उसे करीब से देख सकेंगे.
बता दें कि बिहार का पहला और देश का सातवां तारामंडल 1954 में मुजफ्फरपुर के LS कॉलेज में बना था. अब इस ऐतिहासिक तारामंडल और वेधशाला के जीर्णोद्धार करने की तैयारी की जा रही है. हाल में ही एलएस कॉलेज में पहुंचे बिहार सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि इस विरासत को बचाने के लिए इसे पुनर्जीवित किया जाएगा. जाहिर है सरकार के प्रयास से अगर इसका पुनर्रुद्धार हो जाता है तो बिहार के साइंस के छात्रों व इसमें रुझान रखने वाले लोगों के लिए काफी बढ़िया बात होगी.
बता दें कि अबी पटना में ही तारामंडल है और यहां प्रति दिन अलग अलग जिलों से साइंस से जुड़े स्टूडेंट्स व आम लोग खगोलीय दुनिया को देखने-समझने आते हैं. इन तीनों जिलों में तारामंडल खुल जाने के बाद इन क्षेत्रों के लोगों व विद्यार्थियों को विज्ञान में रुचि बढ़ेगी . बता दें कि पटना में श्री कृष्ण विज्ञान केंद्र भी है जहां राज्य भर के स्टूडेंट्स अपना ज्ञान बढ़ाने और जिज्ञासा पूरी करने आते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इन केंद्रों के खुलने से बच्चे-बच्चियों का मानसिक विकास होगा. इन्हें अपने करियर को नई दिशा देने में मदद मिलेगी और परंपरादत पढ़ाई से हटकर यहां के विद्यार्थी स्पेस रिसर्च और साइंस के अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ सकेंगे. इन्हे भी जरूर पढ़ें
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