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रुद्र का प्रसाद कहलाता है रुद्राक्ष, सावन में पहनने या पूजा करने से पहले जान लें इससे जुड़े सारे नियम

 


Sawan 2022 Lord Shiva Worship By Rudraksha Rules, Benefits In Hindi

शिव की साधना के लिए सबसे शुभ और शीघ्र फलदायी माना जाने वाला श्रावण मास (Shravan Month) 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है. सावन के इस पावन मास में भोले के भक्त तमाम तरह की पूजा के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. शिव (Shiva) भक्ति के लिए समर्पित सावन के महीने में शिव पूजा के लिए प्रयोग की जाने वाली तमाम तरह की चीजों में रुद्राक्ष (Rudraksha) का विशेष महत्व है. मान्यता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. रुद्र का प्रसाद माने जाने वाले रुद्राक्ष के माध्यम से कैसे शिव पूजन करें? इसे प्रसाद के रूप में धारण करने का क्या धार्मिक और ज्योतिषीय (Astrologyलाभ होता है, आइए इसे विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं.

रुद्राक्ष का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा में प्रयोग किए जाने वाले रुद्राक्ष को अत्यंत ही पवित्र और पूजनीय बीज माना गया है. महादेव का महाप्रसाद माने जाने वाले रुद्राक्ष के बारे में मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति शिव पूजा में इसका प्रयोग करता है, उसे महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा फल प्रदान करते हैं. रुद्राक्ष का प्रयोग न सिर्फ भगवान शिव की पूजा के लिए बल्कि तमाम तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए भी किया जाता है. भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय माना जाने वाला रुद्राक्ष कई प्रकार का आता है, जिसका अपना अलग-अलग धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है.

रुद्राक्ष धारण करने की विधि

यदि आप इस सावन के महीने में धारण करना चाहते हैं तो आप इसे कभी भी किसी दिन धारण कर सकते हैं, लेकिन इसमें भी यदि आप इसे पहनने के लिए सोमवार का दिन चुनते हैं तो वह उत्तम माना गया है. इसमें भी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला सोमवार सबसे ज्यादा उत्तम माना गया है. रुद्राक्ष को माला या फिर लॉकेट आदि के रूप में पहनने के लिए सबसे पहले भगवान शिव का पूजन करें और उसमें इसे गंगाजल से शुद्ध करके अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव के मंत्र का कम से कम 108 बार जप करने के बाद इसे प्रसाद स्वरूप धारण करें.

रुद्राक्ष पहनने का नियम

यदि आप इस सावन के महीने में आप भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले रुद्राक्ष को धारण करने या फिर इसके माध्यम से शिव की पूजा करने की सोच रहे हैं तो आप को इससे जुड़े जरूरी नियम जरूर पता रहना चाहिए. रुद्राक्ष की माला बनवाते समय उसके बीज को जरूर चेक कर लें. कभी भी कीड़े लगे या फिर खंडित बीज वाली माला को नहीं पहनना चाएि. इसी प्रकार दूसरों के द्वारा धारण किए रुद्राक्ष की माला को नहीं पहनना चाहिए. रुद्राख को हमेशा लाल, पीले अथवा सफेद धागे में गुहवा कर ही पहनना चाहिए. रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में नहीं गुहवाना चाहिए.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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