देशभर के किसानों के लिए एक जरूरी खबर है। यदि आप भी प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठा रहे है, तो आपको 12वीं क़िस्त के लिए नई जानकारी देनी होगी। किसान योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को भूमि का सत्यापन करना होगा। सरकार ने मंडलायुक्त व जिला अधिकारियों को 31 जुलाई तक सत्यापन कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।
पीएम किसान योजना में बड़ा बदलाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम किसान योजना के लिए भूमि का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक ग्राम वार किसानों का विवरण पोर्टल से निकालकर संबंधित तहसील को देंगे। इसके बाद राजस्व कर्मी पोर्टल पर विवरण दर्ज करेंगे। इन सब की निगरानी उपजिलाधिकारी करेंगे। प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत प्रदेश के 2 करोड़ 59 लाख किसानों को 47,397 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए भूमि सत्यापन को इसलिए अनिवार्य कर दिया है क्योंकि कई अपात्र किसान इस योजना का लाभ उठा रहे थे. केंद्र और राज्य सरकार अपात्र किसानों को इस योजना से बाहर करना चाहती है और इसी के लिए सरकार ने कई तरह के दस्तावेज इसमें अनिवार्य कर दिए है.
सरकार रख रही नजर
केंद्र और राज्य सरकार ने सभी अपात्र किसानों को किसान पोर्टल से डिलीट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। साथ ही इस योजना का लाभ ले रहे सभी किसानों को ई-केवाईसी और भूमि सत्यापन का कार्य करने के निर्देश दिए है, जिससे उन्हें यथावत क़िस्त का पैसा मिल सके। वहीं जिन किसानों ने इस योजना का लाभ गलत तरीके से उठाया होगा उनसे सरकार वसूली करेगी।
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