Police Uniform Parts: भारतीय पुलिस की वर्दी एक पहचान स्थापित करती है और इसमें प्रयुक्त हर एक सामग्री का अपना विशेष महत्व होता है. वर्दी का हर एक तत्व, चाहे वो बैज हो या कंधे पर बंधी रस्सी, सुरक्षा और पहचान का संकेत देता है. आज हम विशेष रूप से कंधे पर बंधी रस्सी के महत्व पर प्रकाश डालेंगे.
कंधे पर रस्सी का कार्य
कंधे पर लगी रस्सी कोई सजावटी तत्व नहीं है. बल्कि इसका एक गहरा और प्रायोगिक महत्व (practical-significance) होता है. यह रस्सी जिसे आमतौर पर लैनयार्ड (Lanyard) कहा जाता है. वर्दी का एक ऐसा हिस्सा है जो सीधे तौर पर पुलिस कर्मियों की कार्यक्षमता और तत्परता में योगदान देता है.
लैनयार्ड की उपयोगिता
पुलिस वर्दी में कंधे पर लगा लैनयार्ड न केवल एक पहचान का साधन है. बल्कि इसका उपयोग विभिन्न आपात स्थितियों में होता है. इस रस्सी से जुड़ी सीटी (whistle) कई बार ट्रैफिक को नियंत्रित करने, भीड़ को संभालने या तुरंत आदेश प्रसारित करने में काम आती है.
लैनयार्ड का विशेष उद्देश्य
इस लैनयार्ड का एक विशेष उद्देश्य (specific-function) यह है कि यह पुलिस कर्मियों को सीटी को जल्दी से एक्सेस करने में मदद करता है. आपात स्थिति में इसका त्वरित उपयोग किया जा सकता है. जिससे यह समय की बचत और तत्परता में योगदान देता है. इसे भी जरूर देखें -
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