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IPS बना 10 वीं पास युवक, वर्दी में सबसे पहले गया था गांव, मां से बोली थी ये बात, अब हो रहे चौंकाने वाले खुलासे

IPS बना 10 वीं पास युवक, वर्दी में सबसे पहले गया था गांव, मां से बोली थी ये बात, अब हो रहे चौंकाने वाले खुलासे

जमुई. बिहार के सिकंदरा जिला से फर्जी आईपीएस बनने का एक बड़ा मामला चर्चा में है. जहां एक युवक पुलिस की वर्दी पहनकर घूम रहा था, तभी उसे पुलिस ने पकड़ लिया. लेकिन क्या आप जानते हैं 10 वीं पास इस युवक से एक शातिर आदमी ने 2 लाख रुपए लिए थे और फिर उसे फर्जी IPS अधिकारी बना दिया था.

साथ ही उसे अफसर की वर्दी भी बनवाकर दी. खुद को अफसर मान बैठा यह युवक सबसे पहले आपने गांव गया था, जहां पहुंचते ही वह अपनी मां से बोला कि मैं पुलिस अफसर बन गया हूं. बेटे को देख भोली भाली मां काफी खुश हुई और उसे पुलिस अफसर मान बैठी.

मामले की अधिक जानकारी करने पर पता चला कि मिथिलेश ने आईपीएस बनने के लिए 2 लाख रुपए की जुगाड़ भी बहुत दिमाग से की थी. पुलिस में नौकरी पाने के लिए मिथिलेश कुमार ने अपने मामा से 2 लाख रुपया कर्ज लिया था. पुलिस वर्दी में आईपीएस बनकर मिथिलेश घर पहुंचकर सबसे पहले अपनी मां के आशीर्वाद लिया था. 10वीं पास मिथलेश को देख गांव वाले भी हैरान थे. लेकिन गांव के कई लोगों को खुशी थी कि मिथिलेश की पुलिस में नौकरी लग गई और वह अधिकारी बन गया है.

लेकिन शायद उन लोगों को यह पता नहीं था कि आईपीएस की वर्दी पहनकर बाइक से घूमना मिथिलेश को महंगा पड़ेगा. सच्चाई पता चलते ही उसे असली पुलिस पकड़ लेगी और आईपीएस बने मिथिलेश की वर्दी दो दिन में ही उतर जाएगी. यहां तक मिथिलेश जिस महंगी पल्सर बाइक पर घूम रहा था वह उसे दहेज में मिली थी. जिस शख्स ने नौकरी देने के लिए मिथिलेश से 2 लाख 30 हजार रुपए की मांग की थी, उसे वह रकम देने के लिए उसने लगभग 2 सप्ताह तक कोशिश की, ईंट भट्ठा पर दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मिथिलेश के माता-पिता ने जब पैसे देने को लेकर मजबूरी बताई, तब उसने 2 लाख रुपया अपने मामा से लेकर जुगाड़ किया.

फर्जी आईपीएस बनकर घूम रहे शख्स ने पुलिस को बताया सबकुछ 2 लाख रुपए देने के बाद उसे खैरा में मनोज सिंह नाम के एक शख्स ने पुलिस की वर्दी पहनाकर एक नकली पिस्तौल जो की लाइटर निकला उसे देते हुए आईपीएस अधिकारी बना दिया. गुरुवार को वर्दी पहनने के बाद दहेज वाली बाइक से सबसे पहले वह अपने गांव गया, फिर वह शुक्रवार को आईपीएस की वर्दी में ही बाइक से सिकंदरा चौक आया तब उसे पुलिस ने पकड़ लिया. पकड़े जाने के बाद मिथिलेश ने बताया कि खैरा के मनोज सिंह जिसने नौकरी देने के लिए कहा था, 2 लाख देने के बाद उसने मुझे पुलिस की वर्दी पहना कर भेज दिया.

उसने पुलिस को आगे बताया कि मनोज सिंह ने बाकी 30 हजार रुपए की मांग की थी, पैसा का जुगाड़ नहीं होने पर मनोज सिंह से मिलने के लिए वह खैरा जा रहा था, तब पुलिस ने उसे पकड़ लिया. फर्जी आईपीएस अधिकारी के रूप में पकड़े गए लखीसराय जिले के हलसी थाना इलाके के गोवर्धनडीह गांव के मिथलेश कुमार ने बताया कि खैरा इलाके में एक झरना पर नहाने के दौरान मनोज सिंह से मुलाकात हुई थी और उसने सरकारी नौकरी लगवाने के लिए 2 लाख 30 रुपए मांगे थे, जिसके लिए उसने मामा से 2 लाख रुपए लिए.

मिथिलेश की मां पिंकी देवी ने बताया कि गुरुवार को उसका बेटा पुलिस वर्दी में घर पहुंचा था, तब उसने बताया था कि उसकी नौकरी पुलिस में लग गई है. उसे यह सुनकर खुशी भी मिली और यकीन कर ली कि शायद बेटे की नौकरी लग गई होगी. 2 लाख रुपये देने के मामले में पिंकी देवी ने बताया कि उसका बेटा बता रहा है कि वह अपने मामा से यह पैसा लिया है. बताते चले कि पकड़े जाने के बाद सिकंदरा पुलिस इस मामले में मिथिलेश कुमार और मनोज सिंह को अभियुक्त बना केस दर्ज करते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए अनुसंधान कर रही है. इसे भी जरूर देखें -

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