केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारी और पेंशनर बेसब्री से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार कर रहे हैं। महंगाई के चलते वेतन में बढ़ोतरी की मांग बढ़ती जा रही है। मौजूदा 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) जनवरी 2026 में 10 साल पूरे कर लेगा, जिससे नए वेतन आयोग की जरूरत महसूस हो रही है। अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,500 हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार आने वाले साल में इसका गठन कर सकती है।
8वां वेतन आयोग कब बनेगा?
सरकार आमतौर पर हर 10 साल में नया वेतन आयोग बनाती है। पिछला, यानी 7वां वेतन आयोग, 2014 में गठित हुआ था और इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। इस पैटर्न को देखते हुए 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की संभावना है, ताकि 2026 से इसका असर दिखने लगे।
हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। एक कर्मचारी संघ के नेता ने जानकारी दी कि हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने कैबिनेट सचिव से इस मुद्दे पर बातचीत की, जहां सचिव ने कहा कि फिलहाल आयोग का गठन करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि 2026 अभी दूर है।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में लगभग 23% की बढ़ोतरी की गई थी, जबकि 6वें वेतन आयोग में यह बढ़ोतरी थोड़ी अधिक थी। माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग के बाद न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹34,500 हो सकती है। यदि यह लागू होता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
महंगाई भत्ते के फॉर्मूले में बदलाव की संभावना
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) बढ़ाने का फॉर्मूला फिलहाल 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है। लेकिन 8वें वेतन आयोग में इसे बदलने की संभावना जताई जा रही है। 2024 के आर्थिक सर्वे में सुझाव दिया गया कि महंगाई के टारगेट को फूड इन्फ्लेशन से अलग करना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो DA के नए फॉर्मूले से कर्मचारियों को महंगाई से निपटने में ज्यादा मदद मिल सकती है।
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों की उम्मीदें
कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए वेतन आयोग से उन्हें न केवल बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी मिलेगी, बल्कि अन्य भत्तों में भी सुधार होगा। इसके अलावा, सरकार ग्रीन एनर्जी (Green Energy) और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए विशेष सुविधाएं भी दे सकती है।
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