जो आप समझ रहे हैं 786 के पीछे ये वजह बिलकुल भी नहीं है और मुसलमानो में भी कई लोग इस नंबर सिस्टम को नहीं मानते है और हम इसकी हकीकत आपको बिलकुल सटीक बता सकते है क्योंकि ये हमारे उर्दू के पाठ्यक्रम में हुआ करता था जिस कारण जामिआ यूनिवर्सिटी के एक टीचर ने हमे इसके बारे में बहुत गहराई से स्टडी की भी कराई थी!
असल में ये एक नंबर सिस्टम होता है जिसमे हर अल्फाबेट पर एक नंबर होता है जैसे की
(अलिफ़) = 1, (बे) = 2 , (नून) = 50
और इसी तरह सभी पर एक नंबर होता है!
तो अब मुझे अपना नाम इस नंबर सिस्टम में लिखना है तो इस तरह निकालेंगे..
अब इसी तरह आइये देखते है
786 = बिस्मिल्लाहहिर्रहमानिर्रहीम, होता है!
मगर जो अब बतायंगे आप चौक जायेंगे
786 = श्री श्री रविशंकर, भी होता है!
तो देखा आपने ये केवल एक नंबर सिस्टम है बाकी और किसी चीज़ से इसका कोई ताल्लुक ही नहीं!
तो अगली बार जब आप 786 देखें तो हिन्दू भाई-बहन इसे श्री श्री रविशंकर समझ लें और मुस्लिम भाई-बहन इसे बिस्मिल्लाह समझ लें
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