दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक शेयरधारक को प्रतिक्रिया देते हुए अनायास ही अपने घाटे के सौदे को उजागर कर दिया। इसका ताजा उदाहरण है रुचि सोया उद्योग, जिसके शेयर नीचे गिरते जा रहे हैं, फिर भी बैंक को वह निवेश के लिए सही लगती है। ऐसे मामलों के लिए यह एक प्रमुख उदाहरण है।
जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में एसबीआई ने रुचि सोया इंडस्ट्रीज के खाते में की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के कॉलम में 746 करोड़ रुपये की राशि लिखी थी और कंपनी से एक भी रुपया नहीं वसूला था।
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