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बिहार में जंगल और पहाड़ों के बीच बसा वाल्मीकिनगर, जन्नत से कम नहीं, बाघों को देखने के लिए विदेश से आते हैं पर्यटक



बिहार और यूपी बॉर्डर के सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के शिवपुर यूनिट के सीमावर्ती वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व की खूबसूरत वादियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। बढ़ती ठंड ने इसकी खूबसूरती और भी बढ़ा दी है। रुकने का शानदार प्रबंध और यहां का अद्भुत नजारा देख पर्यटकों में खुशी का माहौल है। हरा भरा जंगल तरह-तरह के प्रजाति के पेड़ पौधे, वन्यजीवों से भरा बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व बेहद खूबसूरत है। नेपाल और यूपी की सीमा पर स्थित टाइगर रिजर्व को लोग प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जानते हैं। दिन के उजाले में गंडक नदी के शांत पानी में पहाड़ का प्रतिबिंब देखते ही बनता है।

बाल्मीकि नगर रेंजर महेश प्रसाद कहते हैं कि बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व बिहार का एकमात्र एवं भारत के प्रसिद्ध उद्यानों में शुमार है। महाराजगंज से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शानदार एवं रमणीक स्थल है। 880 वर्ग किलोमीटर जंगल में फैला 530 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र व्याघ्र परियोजना के लिए रिजर्व है। इसके सीमा से सटे तकरीबन ढाई सौ एवं इसके बीच में 26 गांव बसे हैं।

बाल्मीकि नगर से पूर्व पहाड़ में जंगल एवं शांत नदी का किनारा एवं पिकनिक स्पॉट के लिए बेहतरीन है। ठंड के मौसम में यहां से हिमालय पर्वत को देखना कश्मीर की खूबसूरत वादियों की याद दिला देता है। देश ही नहीं विदेशी पर्यटक भी गंडक नदी में परिंदों को देखने आते हैं। यहां के जंगलों में बाघ, तेंदुआ, बंदर, लंगूर ,हिरण, सांभर, भालू, गौर, जंगली कुत्ता, घडियाल, मगरमच्छ ,नीलगाय, मोर, पहाड़ी बुलबुल ,पहाड़ी तोता सहित दर्जनों दुर्लभ प्रजाति के जीव के दर्शन हो जाएंगे।

बाघा बाल्मीकि नगर मुख्य रास्ते के बीचो बीच भी अक्सर बाघ देखने को पर्यटक को मिल जाते हैं। जंगल सफारी करते हुए बाघों का दीदार पर्यटकों में रोमांच पैदा कर देता है। गनौली, हरनाटांड, मदनपुर के जंगलों में झरना और प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को को खूबसूरत एहसास दिलाता है। पर्यटकों के लिए ट्री हट की व्यवस्था है, जिसके माध्यम से कम खर्च पर करीब से प्रकृति के नजारे को महसूस कर सकते हैं। जंगल घूमने के लिए विभाग वाहन एवं गाइड उपलब्ध कराते हैं जिससे जंगल सफारी बेहद सुरक्षित और आनंदमय हो जाता है। गंडक नदी का जलाशय में नौका विहार का भी लुफ्त उठा सकते हैं।

गंडक नदी के किनारे जंगलों के बीच के बीच ठहरने का भी शानदार प्रबंध किया गया है। वाल्मीकि बिहार, जंगल कैंप परिसर में बने बंबू हट, फोर फ्लैट के अलावा वाल्मीकि नगर, गनोली, नौरंगिया, गोवर्धना, मदनपुर, दोन, मंगुराहा पिज़्ज़ा भोपाल विभाग की रेस्ट हाउस की व्यवस्था है। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व का दीदार करने के लिए पर्यटक सड़क और रेल मार्ग दोनों से जा सकते हैं। निजी बाहर से भी जाने के लिए अच्छी सड़क बनाई गई है। 

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