
स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन पर यात्रियों को ट्रेवलेटर (चलता पथ) की सुविधा मिलेगी। महानगरों के एयरपोर्ट की तर्ज पर मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लगने वाले ट्रेवलेटर की मदद से यात्री बड़े आराम से कॉनकोर्स (ओवरब्रिज) तक पहुंचेंगे। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेल भूमि विकास प्राधिकारण (आरएलडीए) ने कॉनकोर्स व एलिवेटेड सड़क के साथ ट्रेवलेटर की सुविधा के लिए तैयारी की है। यात्री रैंप व एस्केलेटर के अलावा ट्रेवलेटर से कॉनकोर्स पर पहुंचकर ट्रेनों का इंतजार करेंगे। ट्रेन आने पर यात्री ट्रेवलेटर से प्लेटफॉर्म पर उतरकर ट्रेनों में सवार होंगे। प्लेटफॉर्म व रेलवे लाइन के ऊपर शेड का प्रावधान किया गया है।
बुजुर्ग, बच्चे व दिव्यांग को सहुलियत
यात्री प्लेटफॉर्म के बदले कॉनकोर्स पर ट्रेनों का इंतजार करेंगे। 40 मीटर चौड़ी कॉनकोर्स पर कैफेटेरिया व अन्य सुविधाएं होंगी। ट्रेवलेटर से सबसे अधिक सहुलियत बुजुर्ग, बच्चे व दिव्यांग यात्रियों को होगी। यात्री बिना चले सीधे कॉनकोर्स पर पहुंच जायेंगे। फिलहाल ट्रेवलेटर की सुविधा दिल्ली व मुंबई आदि अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उपलब्ध है। दिल्ली के कंस्लटेंट द्वारा तैयार डिजायन की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रथम फेज में जंक्शन के दक्षिणी छोर व उत्तरी छोर के आरपीएफ बैरक के पास बहुमंजलीय भवन का निर्माण होगा। 200 करोड़ का प्रावधान पुनर्विकास योजना के लिए किया गया है।
कहते हैं अधिकारी
“मुजफ्फरपुर जंक्शन को स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत विकसित किया जाएगा। यहां पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं रेल यात्रियों को दी जाएगी। इसके लिए आरएलडीए की देखरेख में कार्य चल रहा है।” -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे
दो साल में बदल जायेगा जंक्शन का स्वरूप
आरएलडीए के अधिकारियों के अनुसार दो साल में जंक्शन का स्वरूप बदल जायेगा। बिल्डिंग आदि का निर्माण पूरी होने से जंक्शन पर विश्वस्तरीय सुविधाएं यात्रियों को मिल सकेगी। निर्माण कार्य आरएलडीए की देखरेख में चलेगा। छह माह में निर्माण कार्य शुरू कर लेना है। बिहार के गया जंक्शन पर प्रथम व मुजफ्फरपुर जंक्शन पर दिृतीय चरण के तहत निर्माण कार्य किया जाना है। बाहरी निवेशकों के बदले रेलवे निर्माण कार्य पर खुद के फंड का उपयोग करेगा। इन्हे भी जरूर पढ़ें
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