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बिहार में मिला कोरोना का UK वैरिएंट, इंग्लैंड से आया पटना, पारस हास्पिटल में चल रहा इलाज



इंग्लैंड से बिहार आए कोरोना संक्रमित में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन नहीं पाया गया है। वह UK वैरिएंट डेल्टा से संक्रमित था। बिहार में कोरोना के जिनोम सिक्वेंसिंग की पहली जांच रिपोर्ट राहत देने वाली है। यात्री लगभग 20 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) भेजा गया था। डॉक्टरों का कहना है कि इंग्लैंड से आए व्यक्ति में UK वैरिएंट डेल्टा पाया गया है। जिसका प्रभाव दूसरी लहर में देखा गया था।

बता दें, पूर्वी चंपारण के हीरापुर गांव में एक व्यक्ति अपने भतीजे की शादी में 16 नवंबर को इंग्लैंड से आया था। वह वहां रेस्टोरेंट चलाता है। आते ही सर्दी जुकाम के साथ उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। 17 नवंबर को मोतिहारी सदर अस्पताल में RT-PCR जांच कराई गई तो वह कोरोना पॉजिटिव निकला। इसके बाद उसके संपर्क में आए 200 से अधिक लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। हालांकि, किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई।


पारस में था एडमिट : बताया जाता है कि संक्रमित को सांस लेने में तकलीफ थी। उसे पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल भी पटना से ही कलेक्ट किया गया था। जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट सोमवार देर रात आई है। जबकि, वह पहले ही कोरोना निगेटिव होकर अस्पताल से घर चला गया था।

पहली जांच रिपोर्ट ने दी बड़ी राहत : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान की माइक्रो वायरोलॉजी विभाग की HOD डॉ. नम्रता ने बताया, ‘जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल की जांच कराई गई है। इसमें संक्रमित की रिपोर्ट में ओमिक्रॉन वैरिएंट नहीं पाया गया है। डेल्टा वैरिएंट पाया गया है, जिसने दूसरी लहर में भारत में अपना प्रभाव दिखाया था। डेल्टा वैरिएंट ही भारत में पाया जा रहा है। इसीलिए इससे टेंशन की जरूरत नहीं है। बाहर से आने वालों में ओमिक्रॉन की तलाश की जा रही है। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन अगर मिलता तो खतरे की बात थी, लेकिन पहली जांच रिपोर्ट में कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं पाया गया है, जो हम सबके लिए राहत की बात है।’ इन्हे भी जरूर पढ़ें

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