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जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, व्रत और पूजा के बाद भी नहीं मिलेगी कृपा


भगवान की प्रतिमा के सामने ही उनके दर्शन करने चाहिए. ऐसा न करने से पुण्य का फल नहीं मिलता है. मान्यता है कि कान्हा के पीठ में अधर्म का वास होता है.

नई दिल्ली. जन्माष्टमी का पर्व 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जा रहा है. लोग पंचाग के हिसाब से किसी एक दिन भगवान कृष्ण के लिए व्रत रखेंगे. हालांकि, हर भक्त चाहता है कि उसके व्रत और पूजा में किसी तरह की कोई कमी न रहे. इसके लिए पहले से ही तैयारी में लग जाता है. हालांकि, भूलवश या जानकारी न होने के अभाव में कुछ गलतियां हो जाती हैं. जाने-अनजाने में हुईं, इन गलतियों की वजह से भगवान कान्हा नाराज हो जाते हैं और उनका आशीर्वाद नहीं मिलता है. आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी पर कौन सी गलतियों को करने से बचना चाहिए.

काले रंग की सामग्री
काले रंग को आमतौर पर अंधकार और अशुभ चीजों का प्रतीक माना जाता है. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन काले रंग की कोई सामग्री भगवान को अर्पित न करें और पूजा के समय भी काले रंग के वस्त्र धारण न करें.

श्रीकृष्ण की पीठ
ज्योतिष के अनुसार, अगर आप मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने जा रहे हैं तो भूलकर भी उनके पीठ की तरफ से दर्शन न करें. भगवान की प्रतिमा के सामने ही उनके दर्शन करने चाहिए. ऐसा न करने से पुण्य का फल नहीं मिलता है. मान्यता है कि कान्हा के पीठ में अधर्म का वास होता है.

लहसुन प्याज
जन्माष्टमी के दिन सात्विक भोजन करें. इस दिन लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखने जा रहे हैं तो जल और फल के साथ रख सकते हैं.

चावल
जन्माष्टमी के दिन चावन से परहेज करना चाहिए. सनातन धर्म में जन्माष्टमी पर चावल या जौ से बनी वस्तुओं को खाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से व्रत या पूजा करने के बावजूद जन्माष्टमी का पूर्ण फल नहीं मिलता है.

तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते लोग कई तरह के चीजों में इस्तेमाल करते हैं. लोग बीमारी से बचने के लिए तुलसी के पत्तों का काढ़ा और चाय बनाते हैं. हालांकि, जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्तों को तोड़ने से बचना चाहिए. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और विष्णु के विग्रह रूप शालीग्राम और तुलसी का विवाह कराया जाता है.

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