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बिना बैग और किताब के स्कूल जायेंगे बच्चे? बिहार के सरकारी स्कूलों में नया नियम लागू


बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार के तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने शुक्रवार को एक बड़ा ऐलान किया है जिसके तहत बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधर आने के उम्मीद है।
नितीश कुमार ने दिया निर्देश

भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार भी पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर शिक्षकों को स्कूल में बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने का निर्देश दिया है।

नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग को वैसे शिक्षकों को निकाल बाहर करने का भी निर्देश दिया जो स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा रहे हैं. साथ ही शिक्षकों को मोबाइल फोन पर अपनी व्यवस्था कम कर क्लास रूम में बच्चों को बेहतर पढ़ाई देने की नसीहत भी दी है।


हर शनिवार को नो बैग डे

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि स्कूली बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम करके उन्हें खेलकूद की गतिविधियों से जोड़ने को प्राथमिकता दी जाएगी। इसे ध्यान में रखकर हर शनिवार को बच्चों के लिए नो बैग की व्यवस्था और खेल की घंटी अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी।

इस संबंध में विभाग के स्तर से जल्द ही सभी 38 जिलों को दिया-निर्देश जारी किया जाएगा। प्रारंभिक विद्यालयों में चेतना सत्र में गांधी जी की कहानी को पढ़कर सुनाने की व्यवस्था पहले से है और इसे अनिवार्य किया गया है।

पढ़ाई का बोझ कम करना है उदेश्य

बच्चों के लिए सुरक्षित शनिवार के तहत शिक्षा विभाग का यह फैसला बच्चों पर पढ़ाई का बोझ को कम करना और शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए है। प्रत्येक शनिवार को बच्चे किताबें लेकर कक्षाओं में नहीं आएंगे।

उन्हें प्राकृतिक आपदा और खेलकूद आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए विद्यालयों में बकायदा घंटी लगेगी। साथ ही प्रत्येक बच्चे को डायरी दी जाएगी। उसमें सामाजिक सुधार, बाल विवाह रोकने, शराबबंदी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बातें व उनके प्रेरणादायक संदेश भी रहेंगे।

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