ताजा अपडेट के अनुसार इस रिपोर्ट को हावर्ड यूनिवर्सिटी और मुंबई की हिलिस सेखसरिया इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ और पटना की स्कूल ऑफ प्रिवेंटिव ओंकोलॉजी ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि लाख प्रया के बाद भी बिहार के टीचर खैनी को नहीं छोड़ पा रहे है।
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इतना ही नहीं प्रयास के बाद भी 20 प्रतिशत टीचर ऐसे हैं, जो तंबाकू की लत नहीं छोड़ पा रहे हैं। अब गुरुजी की लत छुड़ाने के लिए एक मॉडल तैयार किया गया है। बिहार में मुंह का कैंसर सबसे अधिक है, इसके बाद भी समाज को जगाने वाले टीचरों से ही खैनी की लत नहीं छूट पा रही है। हावर्ड यूनिवर्सिटी ने एक मॉडल तैयार किया है जिसके आधार पर बिहार में गुरुजी की खैनी की लत छुड़ाई जाएगी।
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