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1918 का ढाई रुपये का यह भारतीय नोट, बना सकता है आपको 'अरबपति'

1918 का ढाई रुपये का यह भारतीय नोट, बना सकता है आपको अरबपति….एक जनवरी 1926 को इस नोट का चलन बंद कर दिया गया। ढाई रुपये का नोट आठ साल ही चला। इसे काफी दुर्लभ माना जाता है। इसलिए इसकी कीमत भी सर्वाधिक है। वर्तमान में इसकी कीमत सात लाख रुपये के करीब है। 

जबकि उस समय यह एक डॉलर के बराबर था। ढाई रुपये के नोट का साइज 12 गुणा 17 सेमी था। नोट पर एकतरफ दो रुपये आठ आना लिखा है।गौरतलब है कि देश में पहले आना प्रचलित था। उन दिनों ब्रिटिश राज में एक रुपये में 16 आने होते थे, इसलिए इसमें 2 रुपये के साथ आठ आना जोड़ा गया था। इस नोट को ब्रिटेन में प्रिंट किया गया था।

हैंडमेड पेपर पर यह प्रिंट है। नोट पर जार्ज वी का चिन्ह भी होता था। इसमें उनकी अष्टकोणीय तस्वीर होती थी। नोट पर ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त सचिव के दस्तखत हैं। सबसे ऊपर डिजाइन में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा है। फिर नंबर। इसके साथ अंग्रेजी में यह भी लिखा होता था- मैं धारक को ढाई रुपये देने का वचन देता हूं।

सबसे आश्चर्य की बात है यह नोट सात सर्किल में चलता था। तब रंगून या म्यांमार भी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था। इसलिए यह नोट वहां भी प्रचलित था। ए-कानुपर। बी-बांबे, सी-कलकत्ता। के-कराची, एल-लाहौर, एम-मद्रास। आर-रंगून। तब कानपुर की स्पेलिंग केएएनपीयूआर नहीं होती थी। उस समय लिखा जाता था-सीएडब्ल्यूएनपीओआरई। यह नोट ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त सचिव एमएमएस गब्बी के हस्ताक्षर से जारी हुए थे।

नोट की दूसरी तरफ एक ओर ब्रिटेन का ताज और दूसरी ओर गोल घेरे में अंग्रेजी में दो बाई आठ लिखा है। बीच में आठ भाषाओं में ढाई रुपये। इन आठ भाषाओं में उर्दू, बांग्ला सहित गुजराती, ओडिया और दक्षिण की भाषाएं तो हैं लेकिन हिंदी नहीं है।

रांची में पूर्व राज्यसभा सदस्य के पास है नोट- रांची, झारखंड में यह नोट पूर्व राज्यसभा सदस्य अजय मारू के पास है। वे बताते हैं कि यह नोट उनके दादा ने दिया था।

इसे उन्होंने संभालकर रखा। बाद में इसकी कीमत समझ में आई तो नोट संकलन का चस्का भी लग गया। इसके बाद अजय मारू देश-दुनिया के पुराने नोट एकत्रित करने लगे। उनके अनुसार वे जिन-जिन देशों में जाते हैं, वहां की करेंसी जरूर ले आते हैं। उनके पास करीब 25 देशों की करेंसी है। इनमें कुछ बहुत दुर्लभ हैं। स्टार मार्का नोट भी उनके पास है।

खास बातें-
-इस नोट को ब्रिटेन में प्रिंट किया गया था
-हैंडमेड पेपर पर प्रिंट नोट में जार्ज वी की अष्टकोणीय तस्वीर भी होती थी
-नोट पर ब्रिटेन के तत्कालीन वित्त सचिव के दस्तखत हैं
-सबसे ऊपर डिजाइन में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा है, फिर नंबर -ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था रंगून, इसलिए वहां भी चलता था यह नोट ! अगर आपके पास भी है ऐसा नोट तो निचे अपना नाम और जगह कमेंट करें

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