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बवासीर, हड्डियों को जोड़ना और शरीर की गन्दगी साफ करने सहित 5 रोगों का काल है ये पौधा

अपामार्ग एक सर्वविदित क्षुपजातीय औषधि है। वर्षा के साथ ही यह अंकुरित होती है, ऋतु के अंत तक बढ़ती है तथा शीत ऋतु में पुष्प फलों से शोभित होती है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी में परिपक्व होकर फलों के साथ ही क्षुप भी शुष्क हो जाता है। इसके पुष्प हरी गुलाबी आभा युक्त तथा बीज चावल सदृश होते हैं, जिन्हें ताण्डूल कहते हैं। अपामार्ग कई बीमारियों में वरदान की तरह काम करता है। आइये जानते हैं इसके फायदे।

1.बवासीर में फायदेमंद
अपामार्ग के बीजो और पत्तियों को कुचलकर पेस्ट बनाये। इस पेस्ट को बवासीर के मरीज़ बवासीर पर लगाये, इससे आपको बवासीर से काफी राहत मिलती हैं।
2.लीवर के लिए फायदेमंद
चिरचिटा के बीजो को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर पीने से लीवर की समस्याओं से छुटकारा मिलता हैं। 3.हड्डियों को जोड़े
मुर्गी के अंडे से अल्बूमिन के (अंडे के अन्दर का चिपचिपा तरल पदार्थ) साथ लटजीरा के पत्तियों को पीस ले। इस मिश्रण को अच्छी तरह से फ़ेंट कर टूटी हुयी हड्डियों पर लगाये। इससे हड्डियाँ जुड़ जाती हैं।
4.बॉडी को डिटॉक्सिफाई करता हैं
आप इसके इस्तेमाल से 1 महीने के भीतर ही अपना वज़न कम कर सकते हैं। अपामार्ग के पत्ते आपके शरीर से ज़हरीले पदार्थो को बाहर निकालते हैं और आपके शरीर के अन्दर फ़ालतू पानी को भी बाहर निकालते हैं। इसका उपयोग करने से आपका पेट भरा भरा हुआ सा लगता हैं, जिससे आपको भूख नहीं लगती हैं और आपका वज़न बहुत ही जल्दी कम होने लगता हैं। इसके सेवन से आपको बार-बार पेशाब लगने लगता हैं, लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं हैं। पेशाब के जरिये यह आपके शरीर के अंदरूनी सफाई करके विषैले टोक्सिन्स को बाहर निकालता हैं।
5.पीलिया के उपचार में फायदेमंद
चिरचिटा के पत्तियों और बीजो का काढ़ा बना कर पीने से पीलिया में लाभ मिलता हैं। चिरोटा का काढ़ा बनाने के लिए 50 ग्राम पत्तियों को 2 कप पानी में उबालिए। जब यह पानी उबल कर आधा रह जाये तो इसे पीने से पीलिया ख़त्म होने लगता हैं।

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