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महिलाओं की सेहत के लिए बहुत बुरा है ऐसा वास्तुदोष, घर बनवाते समय भूलकर न करें ये गलतियां।

आप तो जानते ही होंगे कि हमारे घर में कोई ना कोई विवाद होता रहता है। जिससे सभी परेशान हो जाते है। हर कोई अपने घर में शांति चाहता है, फिर भी अंदरोअंदर लडाई होती रहती है। काफी कोशिशों के बाद भी घर में तनावपूर्ण माहोल बना रहता है।


अगर घर में परेशानियां दूर नहीं होती हैं, तो समझ लें कि घर में जो चीज है वह खराब है। यह लगभग देखा गया है कि आदमी जल्दी से घर बनाने के लिए चीजों के नियमों का पालन नहीं कर सकता है। फल के रूप में यह जीवन भर दुख, मानसिक तनाव तक रहता है।

कभी-कभी अपराधबोध इतना अधिक होता है कि यह इमारत में रहने वालों को जीवन भर के लिए परेशान करता है। इसलिए निर्माण करते समय वास्तु के नियमों का उल्लंघन न करें। इस प्रकार का वास्तु दोष घरेलू कलह, बीमारी और बाधाओं को जन्म देता है। आइए जानते हैं ऐसे ही दोषों के बारे में और उन्हें कैसे दूर करें।

घर की स्त्रियों को बीमार बनाते है ये 6 वास्तुदोष

1. भवन के मुख्य द्धार के दोनों दरवाजे और खिडकियां क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए।

2. दरवाजे, खिडकियों पर लगे प्लास्टर तोडने से घर की महिलाओं को गंभीर नुकसान होने का खतरा रहता है।

3. घर की दीवार तोडने से गलत सरकारी मामले में उत्पीडन होने की संभावना है।

4. घर का मुख्य दरवाजा छोटा और पिछला दरवाजा बडा हो तो घर वालों पर आर्थिक संकट आ जाता है।

5. घर का दरवाजा तोडने से घर के मुखिया की आय कम होती है। वहीं फिजूल खर्च बढता है, वहीं समाज में मान-सम्मान नहीं रहता।

6. घर का मुख्य आंगन का फर्श तोडने से घर के मुखिया पर मानसिक तनाव की स्थिति पैदा होती है। वहीं घर के दूसरे लोग भी तनाव में आ जाते है।

7. यदि रसोई और शयनकक्ष की दीवार पर ठीक से प्लास्टर नहीं किया गया हो तो आपसी प्रेम और पुनर्मिलन की संभावना कम है।

8. घर के मुख्य दरवाजें काला करने से धोखाधडी या मानहानि हो सकती है।

9. यदि घर के अन्य दरवाजें काले है तो पति-पत्नी में झगडा हो सकता है, या फिर पत्नी द्रारा पति की हत्या हो सकती है।

10. घर के दरवाजे पर तलवार, चाकू या बाण जैसे अन्य हथियार रखे जाते है तो घर के पुरुषों क्रोधी, जिद्दी और मतलबी होने का खतरा होता है।

11. घर में पुरानी खिडकियां, दरवाजे, ग्रिल रखने से घर के मुखिया की आय में कमी होती है। वहीं आमदनी का सदुपयोग होता है और हमेंशा भय का माहोल रहता है।

12. अगर घर के दाएं और बाएं तरफ की खिड़कियां टूट जाती हैं तो घर के मुख्य पुरुष के माता-पिता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बीमारी भी आ सकती है।

13. अगर सुबह घर की खिड़कियां बंद रखी जाती हैं तो घर के मुखिया के बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

14. यदि घर के पिछवाड़े में फूल और पौधे लगाए जाएं तो यह इस बात का संकेत देता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होगा और समाज के कमजोर और नीच लोगों के साथ संबंध बनाएगा।

15. घर के सभी दरवाजों पर उतना ही ध्यान दें जितना आप मुख्य द्वार पर देते हैं।

16. यदि मुख्य द्रारा अच्छा है और दूसरा दरवाजा मामूली है तो इसका यह संकेत है कि घर का मुखिया और परिवार के अन्य सदस्य बहुत सारी खुशियां चाहते है। लेकिन उस खुशी को लंबे समय तक कैसे रखा जाए, इसका कोई अनुभव नहीं है।

– यह ऐसा है कि जैसे घर के सामने एक छोटी सी दीवार हो।
– जिसके माध्यम से व्यक्ति एक कमरे में दायें या बायें जाता है।
– ऐसे घर का स्वामी क्रूर, लालची और अभिमानी होगा।
– किचन और गेस्ट हाउस दोनों एक दूसरे से नहीं जूडे नहीं होने चाहिए।
– अगर ऐसा है तो पति-पत्नी के बीच समझ की कमी है।
– घर के सामने पत्थर की पटिया हो तो समन्वय की कमी होगी।
– यदि दक्षिण-पश्चिम दिशा में अधिक खिड़कियाँ हैं, तो उन्हें बंद कर दें और संख्या कम कर दें।
– यदि पूजा कक्ष में शिव, सूर्य, विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र की मूर्तियाँ हैं, तो उन्हें पूर्व या पश्चिम में रखें।

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