आपको बता दें कि लालू यादव के साथ-साथ उनके बेटे तेजस्वी यादव और उनकी बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने इस मामले में एक बार फिर से जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया है. बता दें कि बिहार में इन दिनों नीतीश कुमार NDA से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. इस सरकार के बनने के समय ही इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि आने वाले दिनों में सीबीआई लालू यादव को लेकर पुराने केसों को खोला जा सकता है. अब जो स्थिति है उसमें यही कहा जा रहा है कि लालू यादव पर एक बार फिर से पुराने केस खोल दिए गए हैं.
आपको बता दें कि लालू यादव पर जो केस फिर से खुला है यह केस तब का है जब लालू यादव रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के अलग-अलग प्रोजेक्ट में करप्शन से जुड़ा हुआ है. इस दौरान लालू यादव पर आरोप लगा है कि उन्होंने डीएलएफ ग्रुप की तरफ से साउथ दिल्ली में एक प्रॉपर्टी रिश्वत के तौर पर ली थी. आरोप है कि लालू यादव को यह प्रॉपर्टी मुंबई के बांद्रा में रेल लेंडलीज प्रोजेक्ट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के तौर पर किए जा रहे प्रोजेक्ट से जोड़ते हुए दिया गया था. इस प्रॉपर्टी को डीएलएफ की तरफ से फंड की गई सेल कंपनी ने मार्केट रेट से काफी कम कीमत पर खरीदा था और सेल कंपनी को तेजस्वी यादव की ओर से खरीदे जाने का आरोप है.
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