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अभी-अभी: सरकार ने दे दी बिना शादी बच्चे पैदा करने की इजाजत, बिना डरे जमकर करो सेक्स

चीन के एक प्रांत ने अविवाहित लोगों को भी बगैर शादी बच्चा पैदा करने और अपना परिवार चलाने की इजाजत दे दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, अविवाहित व्यक्ति अब एक परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं, और उन लाभों का आनंद ले सकते हैं, जो पहले सिर्फ शादी शुदा लोगों को मिलती थी।



सिचुआन प्रांत के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा, कि बीजिंग गिरती जन्म दर को कम करने के प्रयास शुरू कर रहा है और इसीलिए ये फैसला लिया गया है। आपको बता दें, कि सिचुआन चीन का पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रांत है। रॉयटर्स ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया है, कि सिचुआन प्रांत 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों के मामले में सातवें स्थान पर आता है। इससे पहले, सिचुआन में केवल विवाहित महिलाओं को ही कानूनी रूप से बच्चे को जन्म देने की अनुमति थी। लेकिन, अब यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि प्रांत में हाल के वर्षों में विवाह और जन्म दर, दोनों मामलों में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। 2019 में, अधिकारियों ने उन अविवाहित लोगों को शामिल करने के लिए नियमों में भी बदलाव किया है, जो बच्चे पैदा करना चाहते हैं। नए नियम 15 फरवरी से लागू कर दिए जाएंगे।

मिलेंगें सभी कानूनी अधिकार

नये नियमों के तहत, विवाहित जोड़े या फिर अविवाहित जोड़ों को, या बच्चे चाहने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रांतीय अधिकारियों के पास रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति होगी। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वे जितने चाहें उतने बच्चे पैदा कर सकते हैं। सिचुआन के स्वास्थ्य आयोग ने कहा है, कि उपाय का उद्देश्य “दीर्घकालिक और संतुलित जनसंख्या विकास को बढ़ावा देना है। आपको बता दें, कि चीन की आबादी पिछले साल रिकॉर्ड स्तर पर गिर गई है और पिछले 60 सालों में ये पहला मौका है, जिसमें चीन की जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है। लिहाजा, चीनी अधिकारियों ने जनसंख्या को बढ़ावा देने के लिए लोगों को कई तरह के प्रोत्साहन और सुविधाएं देने शुरू कर दिए हैं, जिसमें चिकित्सा बिलों को कवर करने के लिए मातृत्व बीमा भी शामिल है। वहीं, विवाहित महिलाओं को मातृत्व अवकाश के दौरान भी सैलरी देने का नियम बनाया गया है। वहीं, सिचुआन में भी, इन लाभों को अब एकल महिलाओं और पुरुषों तक बढ़ाया जाएगा।

चीन की जनसंख्या में भारी गिरावट

चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1961 के बाद पहली बार चीन की आबादी में पिछले साल गिरावट आई है और चीन के लिए ये एक ऐतिहासिक मोड़ है, क्योंकि चीन में जिस रफ्तार से चीन की जनसंख्या कम हुई है, उसके बाद अगले कुछ महीनों के दौरान भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। तमाम रिपोर्ट्स में कहा गया है, कि साल 2023 में दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत बन जाएगा। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि साल 2022 के अंत में चीन में 1 अरब 41 करोड़ 17 करोड़ 50 लाख हो गई है, जबकि एक साल पहले तक ये आबादी 1 अरब 41 करोड़ 17 करोड़ 60 लाख थी। यानि, चीन की जनसंख्या 10 लाख कम हो गई है, जिससे चीन की सरकार गंभीर तौर पर चिंतित हो गई है।

चीन में जनसंख्या दर को समझिए

चीन में साल 2022 में जन्मदर प्रति हजार लोगों पर 6.77 थी, जो साल 2021 में 7.52 थी। यानि, साल 2022 में जन्मदर में कमी आ गई है, जो चीन के लिहाज से एक रिकॉर्ड है। इसके साथ ही चीन ने साल 1976 के बाद से अपनी मृत्यु दर में उच्चतम इजाफा देखा है और साल 2021 में चीन में मृत्युदर एक हजार लोगों पर 7.18 थी, जबकि 1976 में यही आंकड़ा 7.37 थी। चीन की जनसंख्या में आए इस परिवर्तन की वजह डेमोग्राफिक परिवर्तन का परिणाम है, जिसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने काफी सख्ती के साथ लागू किया था। चीन में 1980 में एक बच्चे पैदा करने का कानून लागू किया गया था और कम्युनिस्ट पार्टी ने इतनी सख्ती के साथ इस फैसले को लागू किया था, कि धीरे धीरे चीन के लोगों का परिवार के प्रति मोह ही भंग गया। इस फैसले की वजह से चीन के लाखों परिवार हमेशा के लिए खत्म ही हो गये। क्योंकि, जिस परिवार में बेटी पैदा हुई, उस परिवार का वंश आगे नहीं बढ़ पाया। वहीं, अगर किसी परिवार का इकलौता बच्चा किसी बीमारी की वजह से, या किसी हादसे में अपनी जान गंवा बैठा, तब भी वो परिवार खत्म हो गया।

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