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पीरियड्स के दिन कम होना महिलाओं में इस कैंसर का संकेत! जानें खुद से कैंसर का पता लगाने का 3 आसान तरीके

 कैंसर का नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है क्यों कि आपने कई लोगो को सही समय पर इलाज न मिलने के कारण कैंसर से हारते हुए देखा है।

Reकैंसर का नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता है क्यों कि आपने कई लोगो को सही समय पर इलाज न मिलने के कारण कैंसर से हारते हुए देखा है। मानव शरीर में कई अनिगिनत कोशिकाएं होती हैं इनमें कई बार विभाजन होता रहता है और यह हमारे शरीर को नियंत्रित रखता है पर कभी-कभी यह कोशिकाएं बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगती हैं और शरीर का नियंत्रण बिगड़ जाता है उसे ही कैंसर कहा जाता है। कैंसर कई प्रकार के हैं पर इस समय होने वाले सबसे प्रमुख कैंसर की बात करें तो उनमे महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर आज कल तेजी से फैल रहा है।

स्तन कैंसर के बढ़ते मामले
धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में सीनियर कंसलटेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ. अतुल श्रीवास्तव कहते है स्तन कैंसर के मामलों में देरी होने पर होने वाली मौतों की भी संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। यह कैंसर स्तन की कोशिकाओं में पनपता है। स्तन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं यदि मासिक धर्म में परिवर्तन हो जैसे- पीरियड का समय 26 दिनों से कम या 29 दिनों से ज्यादा हो जाए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कई महिलाओं में शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि नशीले पदार्थों से सेवन से भी स्तन कैंसर की संभावना बनी रहती है। अगर आपके परिवार की किसी करीबी सगे संबंधियों को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है तब भी इसकी संभावना अधिक बढ़ जाती है।

स्तन कैंसर के लक्षण
इसे स्वयं पहचानने के लिए कुछ लक्षणों पर गौर करने की आवश्यकता है।

1-स्तन में गांठ

2-स्तन के आकार में बदलाव जैसे ऊंचा, टेड़ा-मेड़ा होना

3- स्तन का लाल रंग हो जाना

4- स्तन से खून आना

5- स्तन की त्वचा में ठोसपन हो जाना

6- स्तन में डिंपल, जलन, लकीरें सिकुड़न होना

7- स्तन का कोई भाग दूसरे हिस्सों से अलग होना

8- स्तन के नीचे ठोसपन या सख्त अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पीरियड्स के इतने दिन बाद कराएं जांच
स्वयं की जांच बहुत जरूरी है- स्तन कैंसर को पहचानने में अगर देरी हो जाए तो इसका इलाज भी कठिन हो जाता है इसलिए लक्षणों तो पहचानना और स्वयं परीक्षण बहुत आवश्यक है। इसे पहचानने के लिए महिला को अपने स्तन के साइज, रंग, ऊंचाई, मोटाई और ठोसपन की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आप अपने ब्रेस्ट की जांच कई प्रकार से कर सकती हैं। माहवारी आने के कुछ दिनों बाद, खासकर 4 से 5 दिनों में स्तन परीक्षण करना चाहिए।

इसके लिए तीन चरण होते हैं-
1- खड़े होकर
खड़े होकर स्तन के चारों तरफ की त्वचा को उंगलियों के अगले हिस्से बाहर से भीतर की तरफ हल्के से दबाते हुए जांच करें इसमें आप अपने बगल के नीचे भी दबाकर देख सकती हैं। कम से कम महीने में एक बार इस तरह जांच जरूर करे कि कहीं कोई गांठ तो नहीं है।

2- शीशे के सामने ख़ड़े हो कर
शीशे के सामने खड़े हो कर यह देखें कि स्तन की त्वचा मे कोई बदलाव आया है या नहीं, अपने स्तन के रंग को भी देखें कहीं उसमें तो कोई बदलाव नहीं आया, अपने बाहों को ऊपर की ओर करें और देखें निप्पल में कोई अंतर है या नहीं है, शीशे में अपने दोनो स्तनों के आकार को ध्यान से देखें कहीं उनमें बदलाव तो नहीं है।

3-लेटकर करें
बिस्तर पर लेटने के बाद अपने दाहिने बांह को ऊपर करें और बांह के नीचे तकिया रखें, इसके बाद स्तन को उंगलियों से दबाकर देखें कि स्तन की त्वचा सख्त तो नहीं हैं या वहां किसी प्रकार का गांठ तो नहीं है। स्तन के साथ कांघ के तरफ भी उंगलियों को दबाकर देंखे कि वहां कोई गांठ है कि नहीं, इसके बाद निप्पल को दबाकर भी देख ले कि वहां से कोई द्रव्य जैसा निकल रहा है कि नहीं, ऐसी प्रक्रिया आप बायें स्तन के साथ भी दोहरायें, निप्पल की जांच करते वक्त ये भी देख कि वहां कोई सूजन या त्वचा लाल तो नहीं हो गई है।

कैंसर का उपचार
अगर इसके लक्षणों को महिलाएं जल्दि पकड़लें और जांच कराएं तो इसके उपचार के लिए कई साधन हैं जैस- कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी आदि। इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप इसके लक्षणों को पहचाने और तुरंत इलाज करवाएं।

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