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PM मोदी ने कहा था भटकती आत्मा, पवार बोले- आत्मा बेचैन तो है लेकिन…


Lok Sabha Chunav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘भटकती आत्मा’ वाले तंज पर NCP (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने पलटवार किया है. पवार ने कहा कि उनकी आत्मा किसानों और आम आदमी के कारण ‘अस्वस्थ’ है और इन लोगों की पीड़ा को उजागर करने के लिए वह ‘100 बार’ बेचैन होने के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने नाम लिए बगैर दो दिन पहले एक रैली में कहा था, ‘महाराष्ट्र में एक भटकती आत्मा है. अगर इसे सफलता नहीं मिलती तो यह दूसरों के अच्छे काम को खराब कर देती है. महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है.’

तब उंगली पकड़कर चले…

पवार ने चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी के 2016 के उस बयान को याद किया जो उनकी (पवार की) उंगली पकड़कर राजनीति में आने के बारे में था. पवार ने कहा, ‘कुछ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में एक भाषण दिया था जिसमें कहा था कि वह (मोदी) पवार साहब की उंगली पकड़कर राजनीति में आए थे. अब उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में एक ‘भटकती आत्मा’ 45 साल से बेचैनी पैदा कर रही है.’

शिरूर लोकसभा सीट से NCP (एसपी) उम्मीदवार अमोल कोल्हे के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ‘मोदी ने यह भी कहा था कि यह आत्मा सरकार के लिए बाधाएं पैदा कर रही है. उन्होंने इस आत्मा से बचाव की जरूरत के बारे में भी कहा था.’ पवार ने आगे कहा कि उन्होंने मोदी का भाषण और ‘भटकती आत्मा’ वाला बयान पढ़ा है.

पवार ने कहा, ‘यह सही है कि आत्मा ‘अस्वस्थ’ है, लेकिन अपने लिए नहीं बल्कि किसानों की कठिनाइयों को उजागर करने के लिए. मैं महंगाई से पीड़ित आम आदमी की दुर्दशा को सामने रखने के लिए बेचैन हूं. मैं लोगों की परेशानियों को उजागर करने के लिए 100 बार बेचैन होने के लिए तैयार हूं.’

राहुल को शहजादा कहने पर भड़के

पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘शहजादा’ कहने पर भी पीएम मोदी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के परिवार की तीन पीढ़ियों ने देश की सेवा की और जीवन का बलिदान दिया. पवार ने रैली में कहा कि मौसम संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे आम लोगों की दुर्दशा को समझने के लिए जमीन पर उतरने के लिए राहुल गांधी की प्रशंसा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को पता होना चाहिए कि राहुल गांधी को वह शहजादा कहते हैं, उनकी तीन पीढ़ियों ने इस देश की सेवा की है और अपना जीवन बलिदान किया है.’

पवार ने कहा, ‘जवाहरलाल नेहरू आजादी से पहले 13 साल तक जेल में रहे थे. बाद में उन्होंने देश को सभी क्षेत्र में आगे ले जाने की दिशा में काम किया और लोकतंत्र का शासन सुनिश्चित किया. राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने गरीबी उन्मूलन के लिए अथक प्रयास किया. इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई. इसके बाद राहुल के पिता राजीव गांधी ने आधुनिकता को अपनाया और इसके लिए काम किया, लेकिन वह भी एक बम धमाके में मारे गए.’

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